
आज भारत में इमरजेंसी को लगे पूरे 45 साल हो गए। आज हीं के दिन 1975 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी। प्रेस, मीडिया, न्यायपालिका, कार्यपालिका सब की आज़ादी छीन ली गयी थी। अमित शाह ने इसी को याद दिलाते हुए कांग्रेस पे हमला बोला है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ट्वीट के ज़रिये बताया कि हाल हीं में संजय झा को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटाने का फैसला कांग्रेस के दमनकारी मानसिकता को दर्शाता है। अमित शाह ने पूछा कि किसी को महज़ इसलिए अपने पद से हटा देना कि वो अपनी आवाज़ दोबारा न उठा सके, कहाँ तक उचित है।
गौरतलब हो कि हाल हीं में संजय झा ने हाल हीं में एक लेख लिखा था जिसमे उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी में तत्परता की कमी है। कांग्रेस अब सही समय पर सही फैसले नहीं ले पति है। कहा ये जा रहा है कि संजय झा का इशारा राहुल गाँधी कि तरफ था जो कि अपने जिम्मेदारियों से लगातार भागते रहे हैं जिसके कारण पार्टी को कई बार विषम परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा है।
अपने ट्वीट्स में अमित शाह कांग्रेस पार्टी को सलाह देते हुए आगे लिखते हैं कि कांग्रेस पार्टी को अपने अंदर झाँकने कि ज़रुरत है। कांग्रेस को अपनेआप से ये पे पूछना चाहिए कि ये इमरजेंसी माइंडसेट लेकर चलने की ऐसी क्या मज़बूरी है।
इमरजेंसी का वो 21 महीना कांग्रेस पार्टी और पूरे भारत वर्ष के लिए एक काला अध्याय है। भले हीं आज भारत वैश्विक और आर्थिक पटल पे बहुत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। लेकिन फिर भी कहीं न कहीं हर भारतीय के मन में इमरजेंसी की वो यादें आज भी ताज़ा है।